मैड्रिड में पर्यावरण पर जारी संयुक्त राष्ट्र का शिखर सम्मेलन एक बार फिर बिना किसी ठोस नतीजे के रविवार को समाप्त हो गया। देशों के बीच चली लंबी बातचीत में ग्लोबल वार्मिंग आपदा को टालने की योजना बनाने पर अमल को लेकर उनके बीच पहले से कहीं अधिक मतभेद नजर आए।
बातचीत खत्म होने की तय सीमा के 36 घंटे बाद प्रतिनिधि विवादास्पद मुद्दों पर समझौते के करीब थे। इनमें एक मुद्दा यह था कि जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए प्रत्येक राष्ट्र अपनी योजना को लेकर कितना महत्वाकांक्षी है।
विज्ञान से मिल रही चेतावनियों, जलवायु परिवर्तन के कारण उत्पन्न हुईं घातक मौसमी परिस्थितियों और लाखों युवाओं की तरफ से की जा रही साप्ताहिक हड़तालों के बीच मैड्रिड में हुई वार्ता पर अत्यंत दबाव था कि वह साफ संकेत दे कि सरकारें इस संकट से निपटने के अपने प्रयासों को और तेज करने की इच्छुक हैं। लेकिन जलवायु संबंधी आपदाओं की मार पहले से झेल रहे पर्यवेक्षकों और राष्ट्रों के प्रतिनिधियों ने कहा कि मैड्रिड का कॉप 25 अपने ही नारे 'टाइम फॉर एक्शन' के मोर्चे पर विफल रहा।